भोपाल. सूत्रधार में देखिए कि कैसे मप्र सरकार खुद को किसानों की सरकार होने का दावा करती है लेकिन हर बार किसान ठगा जाता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ है। दो दिन पहले ही बैतूल में सरकार की तरफ से खरीफ 2020 और रबी सीजन की 2020-21 की फसल बीमा राशि का वितरण किया गया। जोर शोर से सरकारी कार्यक्रम किया गया लेकिन किसानों को जो मुआवजा मिला वो ऊंट के मुंह के जीरे के समान है। किसी को 200 रुपए तो किसी को 500 रु. का मुआवजा मिला। जबकि फसल का नुकसान इससे कही ज्यादा हुआ है। कुछ किसानों को तो प्रीमियम की राशि से भी कम राशि राहत के रूप में मिली है। वहीं, हमारी दूसरी स्टोरी में देखिए कि असंठित क्षेत्र के श्रमिकों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए शुरू किए गए ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन में फर्जीवाड़ा सामने आया है। मध्य प्रदेश में हर दिन हजारों की संख्या में रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं। टॉप पर एग्रीकल्चर यानी कृषि कैटेगरी है। सच्चाई का पता लगाने द सूत्र ने पूरे मामले की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि महज 10 दिनों के अंदर 6 लाख 5 हजार लोगों ने कृषि कैटेगरी में रजिस्ट्रेशन करवा दिया। यह चमत्कार हुआ कैसे...? जब इसकी जानकारी जुटाना शुरू की तो जो सच्चाई पता चली, वह बेहद चौंकाने वाली थी।